करोड़ों की मालकिन ने कहा- ‘बच्‍चों को पढ़ाई के साथ ये चीजें सिखा दो, अपने आप बन जाएगा करोड़पति’

करोड़ों की मालकिन ने कहा- ‘बच्‍चों को पढ़ाई के साथ ये चीजें सिखा दो, अपने आप बन जाएगा करोड़पति।

समाजसेविका सुधा मूर्ति बच्‍चों की परवरिश करने को लेकर अपने विचार व्‍यक्‍त करती रहती हैं। उन्‍होंने बताया कि मां-बाप को पढ़ाई से ज्‍यादा किस पर ध्‍यान देना चाहिए। सुधा मूर्ति न सिर्फ एक समाजसेविका हैं बल्कि वो पेरेंट्स को भी बच्‍चों की परवरिश को लेकर बहुत अच्‍छी सलाह देती हैं। यही वजह है कि सुधा मूर्ति बच्‍चों और पेरेंट्स के बीच काफी फेमस हैं। कई पेरेंट्स अपने बच्‍चों के पालन-पोषण में उनकी सलाह को मानते हैं। उनकी बताई बातों से पेरेंट्स को अपनी जर्नी में चुनौतियों का सामना करने में मदद मिलती है। हाल ही में नेशनल हिल व्‍यू पब्लिक स्‍कूल में पहुंची सुधा मूर्ति ने पेरेंटिंग पर काफी बात की। इस दौरान उन्‍होंने बच्‍चों की अच्‍छे से परवरिश करने के कुछ टिप्‍स भी दिए। अगर आप भी एक पेरेंट हैं और आपको अपनी इस जर्नी को थोड़ा आसान बनाना है, तो आप यहां बताए गए सुधा मूर्ति जी के टिप्‍स पर काम कर सकते हैं।

नंबर जरूरी नहीं हैं

सुधा मूर्ति जी का कहना है कि बच्‍चे के नंबर उसकी क्षमता और काबिलियत का परिचय नहीं देते हैं। हर बच्‍चे की अलग खूबियां, हुनर और विशेषताएं होती हैं जिसके दम पर वो सफल बनता है। आप बच्‍चे के संपूर्ण विकास पर ध्‍यान दें जिसमें उसका निजी विकास भी शामिल होना चाहिए। सिर्फ शिक्षा पर ध्‍यान देना ही पेरेंटिंग नहीं है।

किस पर फोकस करना है

उन्‍होंने कहा कि मां-बाप को अपने बच्‍चों को बड़ी और बेहतर चीजों पर फोकस करने की आदत डालनी चाहिए। इससे बच्‍चे अपनी लाइफ में बहुत कुछ अच्‍छा कर सकते हैं और सफलता के शिखर तक पहुंच सकते हैं। अपने बच्‍चे को बताएं कि उसे छोटे-छोटे लक्ष्‍यों के साथ बड़े टारगेट भी रखने हैं।

आईआईटी नहीं जाना है

सुधा मूर्ति ने कहा कि हर बच्‍चे की डेस्टिनेशन आईआईटी नहीं है। आप जो भी काम करते हैं, उसमें सर्वश्रेष्‍ठ बनने की कोशिश करें और अपना 100 प्रतिशत दें। इस दौरान आपके रास्‍ते में जो कुछ भी आता है, उसे स्‍वीकार करें। कहने का मतलब है कि आप अपने बच्‍चे को हर काम पूरी मेहनत और लगन के साथ करना सिखाएं।

नंबरों में टैलेंट नहीं छिपा है।

उनका कहना है कि बच्‍चों का ध्‍यान नंबर लाने से ज्‍यादा सीखने पर होना चाहिए। उन्‍होंने पेरेंट्स से कहा कि आपको अपने बच्‍चे के नंबरों को लेकर चिंता करने की जरूरत नहीं है बल्कि आप उसे हर तरह से सीखने के लिए प्रेरित करें। जिंदगी में नंबर नहीं बल्कि लर्निंग काम आती है।

पढ़ाई से परे है जिंदगी।

पढ़ाई जरूरी होती है लेकिन मां-बाप को अपने बच्‍चे को इमोशनल इंटेलिजेंस, सोशल स्किल्‍स, क्रिएटिविटी और लचीलापन सिखाएं। ये सब चीजें लाइफ में उसके बहुत काम आने वाली हैं। सिर्फ पढ़ाई पर फोकस कर के बच्‍चे का भला नहीं होगा बल्कि आपको इसके लिए उसके संपूर्ण विकास पर ध्‍यान देना होगा।

ब्यूरो रिपोर्ट_साभार

मोहम्मद फहीम

 

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