दोहरे हत्याकांड में 30 साल बाद आया न्यायालय का फैसला, 3 सगे भाइयों समेत 8 को आजीवन कारावास

शाहजहाँपुर जिला न्यायालय ने 30 साल पुराने दोहरे हत्याकांड मामले में मंगलवार पीड़ित पक्ष को न्याय दिया. अपर सत्र न्यायालय के विशेष न्यायाधीश ने 3 सगे भाइयों समेत आठ लोगों को दोषी करार देते हुए आजीवन कारावास की सजा सुनाई है. इसके साथ ही दोषियों 10-10 हजार का जुर्माना भी लगाया है |
दरसल 8 मार्च 1993 थाना निगोही क्षेत्र के घाटभोजी गांव में शिवकुमार, रति पाल और मटरू ने अपने 12 साथियों के साथ मिलकर हर्ष फायरिंग कर रहे थे. जिसका विरोध करने पर इन्होंने बंदूक और तमंचे से गोली चला कर उमराय और रामसरण की हत्या कर दी थी | मुकदमा दर्ज होने के बाद मामला अपर सत्र न्यायालय में चल रहा था | इसमें साक्ष्यों और 19 गवाहों के बयान के आधार पर अपर सत्र न्यायालय के विशेष न्यायाधीश अखिलेश कुमार पाठक ने 3 सगे भाइयों समेत 8 लोगों को दोषी करार देते हुए आजीवन कारावास की सजा सुनाई |

( 30 साल बाद एक मुकदमा का फैसला आया है. जिसमें 8 लोगों को आजीवन कारावास की सजा हुई है | 8 मार्च 1993 को शाम 6:00 बजे डबल मर्डर हुआ था | इसी दिन 8:30 बजे निगोही थाना में मुकदमा पंजीकृत किया गया था. डबल मर्डर के मामले में 14 गवाह पेश किए गए थे | इसमें 11 अभियुक्त बनाए गए थे | इस घटना में 3 अभियुक्त की मृत्यु हो चुकी है | कोर्ट ने मंगलवर को 8 लोगों को दोषी मानते हुए आजीवन कारावास की सजा सुनाई है- शासकीय अधिवक्ता अतुल अग्निहोत्री

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