नकली दवा कारोबारियों के खिलाफ चलाए जा रहे अभियान में अब नई रणनीति अपनाई जाएगी।

*”ब्रेकिंग न्यूज़”*

दवाओं पर ज्यादा कमीशन देने वाले भी जांच के दायरे में, 28 फीसदी कम कीमत पर मिलती हैं ब्रांडेड दवाएं। 

नकली दवा कारोबारियों के खिलाफ चलाए जा रहे अभियान में अब नई रणनीति अपनाई गई है। 

*बिल वाउचर के मिलान में कंपनी से दवा निकलने के बाद एजेंसी, थोक और फुटकर विक्रेता तक पहुंचने में मूल्य और कमीशन के बीच कितना अंतर रहता है यह भी देखा जाएगा तीनों के बैच नंबर का भी मिलान किया जाएगा ज्यादा कमीशन देने वालों को जांच के दायरे में लाया जाएगा*

*प्रदेश में करीब 72 हजार थोक एवं 1.05 लाख फुटकर दवा कारोबारी हैं इस बीच बड़ी संख्या में नकली दवाओं की खपत का मामला सामने आया है विभिन्न स्थानों पर पकड़े गए लोगों से हुई पूछताछ के आधार पर खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन विभाग (एफएसडीए) ने जांच अभियान छेड़ा है जांच में अब तक खरीद और बिक्री संबंधी बिल के मिलान के बाद खरीद प्रक्रिया को असली मान लिया जाता था लेकिन अब तय किया गया है कि बिल के मिलान के दौरान यह भी देखा जाएगा कि खरीद-बिक्री के बीच का अंतर कितना है दवा पर दर्ज मूल्य की अपेक्षा थोक विक्रेता कितने अंतर पर फुटकर विक्रेता को दवा उपलब्ध करा रहा है ब्रांडेड कंपनियों की दवा सामान्य तौर पर फुटकर दवा विक्रेता को उस पर लिखे मूल्य से करीब 28 फीसदी कम कीमत पर मिलती हैं कुछ में यह अंतर इससे ज्यादा तो कुछ में कम होता है इसके अलावा एजेंसी से थोक कारोबारी के लिए अलग से ट्रेड मूल्य तय होता है ऐसे में एफएसडीए अब कंपनी की ओर से निर्धारित ट्रेड मूल्य की भी जांच करेगा एजेंसी थोक कारोबारी और फुटकर के बीच अंतर का आकलन करने के बाद संबंधित कंपनी को रिपोर्ट भेजकर उसका सत्यापन भी कराएगा इस बीच थोक और फुटकर के बीच किसी बिल पर ज्यादा अंतर मिला तो उसका भी सत्यापन कराया जाएगा ऐसे लोगों को संदेह के दायरे में लेकर जांच की जाएगी निजी अस्पतालों के जरिए नया खेल निजी अस्पतालों के डॉक्टर खुद के नाम पर मरीजों के लिए कंपनी से सीधे दवा मंगवाते हैं यह दवा ट्रेड मूल्य पर मिलती है दवा पर लिखे गए मूल्य से यह करीब 30 से 40 फीसदी तक सस्ती होती हैं पिछले दिनों लखनऊ आई कटक ओडिशा की टीम ने यहां की स्थानीय टीम के साथ कई बातें शेयर की हैं इसमें यह भी बताया गया है कि वहां के कई अस्पतालों के डॉक्टर दवाएं मंगवाते हैं और उसे बाजार में पहुंचा देते हैं यही दवाएं नकली पर्चे पर भी बिकती हैं इस इनपुट के आधार पर अब विभिन्न निजी अस्पतालों में भी एफएसडीए की टीम जांच शुरू करने की तैयारी में है*

*”लाइव सरगर्मियां न्यूज़ से संवाददाता रवि उपाध्याय की रिपोर्ट”*

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