पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह का गुरुवार देर शाम 92 साल की आयु में निधन हो गया।

*ब्रेकिंग*

*लाइव सरगर्मियां न्यूज़ दिनांक 28 दिसंबर 2024 लखनऊ*

आज भारत दुखी है मनमोहन सिंह के निधन पर प्रो.विनोद चंद्र ने जताया दुख।

पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह का गुरुवार देर शाम 92 साल की आयु में निधन हो गया।

*अलविदा मनमोहन सिंह केकेसी कॉलेज के प्राचार्य और कार्यालय अध्यक्ष कर्मचारी समेत लोगो ने दी श्रद्धांजलि*

*सरगर्मियां न्यूज़ संवाददाता लखनऊ श्री जय नारायण मिश्र महाविद्यालय में पूर्व प्रधानमंत्री के निधन पर कॉलेज के कर्मचारियों ने जताया दुख पुष्प अर्पित कर किया याद कॉलेज के प्राचार्य प्रो.विनोद चंद्र ने कहा कि उनकी बनाई नीतियों ने देश में लाइसेंस राज को खत्म कर उदारीकरण के एक ऐसे दरवाजे को खोल दिया जिसने भारत को न सिर्फ गंभीर आर्थिक संकट से बचाया बल्कि देश की दशा और दिशा दोनों बदल दी और सहायक अशोक शुक्ला ने कहा कि देश के पहले सिख और चौथे सबसे लंबे समय तक प्रधानमंत्री रहे वे आर्थिक सुधारों की एक व्यापक नीति शुरू करने में उनकी भूमिका को दुनिया भर में आज भी सराहा जाता है और कॉलेज के शिक्षक डॉ. अंशुमाली शर्मा ने कहा कि डॉ. मनमोहन सिंह पहली बार 1991 में राज्य सभा के लिए चुने गए थे उन्होंने उच्च सदन में पांच बार असम और 2019 में राजस्थान का प्रतिनिधित्व किया 1998 से 2004 तक जब भारतीय जनता पार्टी सत्ता में थी मनमोहन सिंह राज्य सभा में विपक्ष के नेता थे और कर्मचारी अध्यक्ष रामसूरत पांडे और उपाध्यक्ष आनंद यादव ने कहा कि प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह देश के ऐसे पहले प्रधानमंत्री थे जिन्होंने जाति धर्म से ऊपर उठकर निर्णय लिए उनके ऊपर किसी भी तरह का आरोप नहीं लगा सिख समाज के साथ उनका जुड़ाव भले ही रहा हो लेकिन उनका निर्णय सामूहिक रूप से होता रहा है वह एक सच्चे देशभक्त प्रधानमंत्री थे कॉलेज में उपस्थित शिक्षक बलवंत सिंह, कर्मचारी रामसूरत पांडे, जितेंद्र पांडे, विजय यादव, अशोक शुक्ला, आनंद यादव, निशांत मिश्रा, एसके त्रिपाठी, रवि उपाध्याय, प्रवीण उपाध्याय, शिवकांत तिवारी, रंजय प्रसाद, अवधेश सिंह, अनिल वर्मा, अमर सिंह, योगेंद्र प्रसाद, राजेंद्र प्रसाद, हिमांशु पांडे, केसी मिश्रा, अस्मित मिश्रा, प्रवेश, पूजा, दयाशंकर, सभी कर्मचारी ने श्रद्धांजलि दी*

पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह का जन्म 26 सितंबर 1932 को अविभाजित भारत के पंजाब प्रांत के एक गांव गाह में हुआ था यह हिस्सा अब पाकिस्तान में है मनमोहन सिंह की शुरुआती शिक्षा अविभाजित भारत के पंजाब में उर्दू माध्यम से हुई इसके बाद वह पेशावर के उच्च प्राथमिक स्कूल में पढ़े देश के विभाजन के बाद उनका परिवार भारत चला आया था और वे पंजाब के अमृतसर में रहने लगे डॉ. मनमोहन सिंह ने 1948 में पंजाब विश्वविद्यालय से मैट्रिकुलेशन की परीक्षाएं पूरी कीं साल 1954 में पूर्व प्रधानमंत्री ने पंजाब विश्वविद्यालय से अर्थशास्त्र में एमए किया

 


इसके बाद आगे की पढ़ाई के लिए वह विदेश चले गए
कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय से उन्होंने साल 1957 में अर्थशास्त्र में प्रथम श्रेणी ऑनर्स की डिग्री हासिल की इसके बाद उन्होंने 1962 में ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय के नफील्ड कॉलेज से अर्थशास्त्र में डी.फिल.की कैंब्रिज विश्वविद्यालय से पीएचडी और ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय से डी. फिल. करने वाले मनमोहन सिंह ने कभी लोकसभा चुनाव नहीं लड़ा लेकिन विभिन्न पदों पर रहते हुए भारतीय अर्थव्यवस्था में उनका योगदान महत्वपूर्ण है आरबीआई गवर्नर, वित्तमंत्री और प्रधानमंत्री के पद पर रहे मनमोहन सिंह भारत में आर्थिक उदारीकरण के प्रणेता के तौर पर जाने जाते रहे हैं साल 1971में वह भारत सरकार के वाणिज्य मंत्रालय में आर्थिक सलाहकार रहे साल 1972 में वित्त मंत्रालय में मुख्य आर्थिक सलाहकार के पद पर नियुक्त हुए डॉ. मनमोहन सिंह डॉ. मनमोहन सिंह साल 1980-82 योजना आयोग के सदस्य भी रहे पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने 1982-1985 के बीच भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर के रूप में पद संभाला साल 1985 में राजीव गांधी के शासन काल में मनमोहन सिंह को भारतीय योजना आयोग का उपाध्यक्ष नियुक्त किया गया था वे इस पद पर पांच सालों तक रहे जिसके बाद उन्हें 1990 में प्रधानमंत्री का आर्थिक सलाहकार बना दिया इसके बाद जब पी.वी नरसिंहराव पीएम बनें तो उन्होंने डॉ मनमोहन सिंह को 1991 में वित्त मंत्रालय का स्वतंत्र प्रभार सौंपा डॉ. मनमोहन सिंह साल 1991 में असम से राज्यसभा के लिए चुने गए इसके बाद 1995, 2001, 2007 और 2013 में पुनर्निर्वाचित हुए मनमोहन सिंह वित्त मंत्रालय के सचिव,भारतीय रिज़र्व बैंक के गवर्नर और विश्वविद्यालय अनुदान आयोग के अध्यक्ष भी रहे साल 2004 से 2014 के बीच यूपीए-1 और यूपीए-2 सरकार में वे प्रधानमंत्री पद पर रहे बतौर प्रधानमंत्री उन्होंने 10 साल के शासनकाल में कई ऐसे बड़े और महत्वपूर्ण फैसले लिए जिसने भारत को और अधिक ऊंचाइयों पर ले जाने का काम किया शिक्षा का अधिकार (RTE) सूचना का अधिकार (RTI) मनरेगा योजना समेत तमाम कई ऐसे बड़े फैसले हैं जो उन्होंने प्रधानमंत्री रहते हुए लिए थे पूर्व प्रधानमंत्री को शिक्षक के पद पर भी खासा तजुर्बा था वह पंजाब विश्वविद्यालय में अर्थशास्त्र के सीनियर लेक्चरर रहे इसके साथ ही उन्होंने दिल्ली विश्वविद्यालय के स्कूल ऑफ इकोनामिक्स में भी अध्यापन कार्य किया

*लाइव सरगर्मियां न्यूज़ से संवाददाता रवि उपाध्याय की रिपोर्ट*

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