आईपी सिंह उप संपादक
हरदोई | भीषण गर्मी से लोगों को बचाने की योजना बनाने को लेकर जिलाधिकारी मंगला प्रसाद ने आज विकास भवन कार्यालय में अंतर्विभागीय बैठक की। इसके साथ ही उन्होंने विशेष संचारी रोग नियंत्रण अभियान की भी समीक्षा की। बैठक की अध्यक्षता करते हुए जिलाधिकारी ने स्वास्थ्य विभाग सहित अन्य विभागों को आवश्यक निर्देश दिए । हीट वेव से निपटने के लिए जिलाधिकारी ने निर्देश दिए कि सभी ब्लॉक पर इससे बचाव के तरीकों के प्रति लोगों को जागरूक करने के उद्देश्य से प्रधानों, शिक्षा मित्रों, आशा और आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं का संवेदीकरण किया जाए, इसके लिए उन्होंने संबधित विभाग के ब्लॉक स्तरीय मुख्य अधिकारी को जिम्मेदार बनाया है । जिलाधिकारी ने कहा कि तापमान में वृद्धि जलवायु परिवर्तन के सीधे प्रभाव का परिणाम है इसके साथ ही समुद्र के जल स्तर में वृद्धि, मौसम के बदलाव की स्थितियाँ, वर्षा होने के पैटर्न में बदलाव और वायु प्रदूषण जैसे परिवर्तन तो सामने आते ही हैं और जैव विविधता पर भी नकारात्मक प्रभाव देखने को मिलता है ।
जलवायु परिवर्तन के कारण हीट स्ट्रोक, निर्जलीकरण सहित स्वास्थ्य पर भी बुरा प्रभाव पड़ता है और भोजन तथा जल के माध्यम से होने वाले रोगों तथा नवीन रोगों की उत्पत्ति होती है। इसके साथ ही सूखा, ओला वृष्टि, अत्यधिक वर्षा के कारण फसलों की हानि होती है साथ ही फसल की पैदावार पर भी प्रभाव पड़ता है। अभी वर्तमान में हमें लोगों को तेज गर्मी और लू से बचाव के लिय जागरूक करना आवश्यक है ताकि अनहोनी होने से रोका जा सके। उन्होंने कहा कि सभी विभागों की जिम्मेदारी है कि वह इस समस्या से मिलकर निपटें क्योंकि केवल एक विभाग के माध्यम से इस समस्या से निपटना संभव नहीं है। उन्होंने सभी विभागों को उनके उत्तरदायित्वों के बारे में पीपीटी के माध्यम से अवगत कराया ।इसके साथ ही संचारी रोग नियंत्रण अभियान की समीक्षा करते हुए जिलाधिकारी ने कहा कि सभी विभाग कार्ययोजना के अनुसार गतिविधियां संपादित करें । इसके साथ ही सोमवार से दस्तक अभियान शुरू हुआ है, इसमें प्रथमपंक्ति कार्यकर्ता की भूमिका अहम है। इसलिए वह अपने काम को अच्छे से करें, ताकि टीबी के संभावित रोगी, कुपोषित बच्चों, खांसी जुकाम बुखार के मरीजों को चिन्हित कर समय से इलाज शुरू किया जा सके। इस मौके पर मुख्य विकास अधिकारी सौम्या गुरुनानी, मुख्य चिकित्सा अधिकारी डा. राजेश कुमार तिवारी, अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी, मुख्य चिकित्सा अधिकारी कार्यालय के स्वास्थ्य शिक्षा अधिकारी, कृषि विभाग, शिक्षा विभाग, जलकल विभाग, स्वच्छ भारत मिशन, पर्यावरण विभाग, मौसम विज्ञान विभाग, सूचना विभाग, वन विभाग, नवीकरण और वैकल्पिक ऊर्जा विभाग, शहरी विकास विभाग, ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज विभाग सहित विश्व स्वस्थ्य संगठन, यूनिसेफ़ और पाथ के प्रतिनिधि मौजूद रहे |