लखनऊ मेडिकल कॉलेज में विभागाध्यक्ष नहीं इमरजेंसी मेडिकल ऑफिसर को होगा भर्ती का अधिकार।

*”ब्रेकिंग न्यूज़”*

*”लाइव सरगर्मियां न्यूज़ दिनांक 4 फरवरी 2024 लखनऊ”*

लखनऊ मेडिकल कॉलेज में विभागाध्यक्ष नहीं इमरजेंसी मेडिकल ऑफिसर को होगा भर्ती का अधिकार।

लखनऊ सवांददाता सरगर्मियां न्यूज़। लखनऊ मेडिकल कॉलेज श्विविद्यालय के ट्रॉमा सेंटर में मरीज को भर्ती करने का अधिकार संबंधित विभागाध्यक्ष के बजाय इमरजेंसी मेडिकल ऑफिसर को दिया जा सकता है इमरजेंसी में आने वाले मरीजों को बेहतर इलाज और सहूलियत देने के लिए बनी समिति ने यह सिफारिश की है समिति ने इसके साथ ही पहले 24 घंटे मरीज को पूरी तरह निशुल्क इलाज देने की सिफारिश भी की है*

*केजीएमयू का ट्रॉमा सेंटर प्रदेश भर में सबसे ज्यादा इमरजेंसी के मरीजों का इलाज करता है यहां साढ़े चार सौ बेड हैं इसके बावजूद मरीजों को भर्ती होने तथा इलाज में समस्या होती है इसके अलावा एसजीपीजीआई और लोहिया संस्थान की इमरजेंसी में भी मरीजों का बुरा हाल रहता है इसको देखते हुए शासन ने 15 जनवरी को सात डॉक्टरों की एक समिति बनाई थी इसमें केजीएमयू के डॉ. संदीप तिवारी, डॉ. आमोद कुमार सचान और डॉ. अनित परिहार शामिल हैं इसी तरह एसजीपीजीआई से डॉ. वीके पालीवाल, कैंसर संस्थान से डॉ. देवाशीष शुक्ला, लोहिया संस्थान से डॉ. विक्रम सिंह तथा चिकित्सा शिक्षा विभाग के नोडल अधिकारी एलडी मिश्रा को समिति में शामिल किया गया समिति ने 25 जनवरी को ट्रॉमा सेंटर का निरीक्षण किया था इसके आधार पर यह सिफारिश की गई कि पहले 24 घंटे मरीज को निशुल्क इलाज दिया जाए इसके साथ ही भर्ती का अधिकार इमरजेंसी मेडिकल ऑफिसर के पास होने आईसीय तथा अन्य बेड की खाली संख्या प्रदर्शित करने ईएमओ के अतिरिक्त पद स्वीकृत करने की वकालत भी सिफारिश में की गई है अब समिति अन्य संस्थानों की इमरजेंसी का निरीक्षण भी करेगी ड्यूटी पर आएं ट्रॉमा सेंटर में नियुक्त डॉक्टर तो सुधरे व्यवस्था ऐसा पहली बार नहीं है जब शासन के लिए केजीएमयू के ट्रॉमा सेंटर की व्यवस्था सुधारने के लिए शासन को पहल करनी पड़ी है इससे पहले वर्ष 2015 में शासन ने कार्डियोलॉजी, जनरल मेडिसिन, पीडियाट्रिक सर्जरी, पीडियाट्रिक, रेडियोडाग्नोसिस, आर्थोपेडिक और न्यूरोसर्जरी जैसी विधा के कुल 36 पद स्वीकृत किए इनमें से 23 पदों पर डॉक्टर मौजूद हैं पर वे ट्रॉमा सेंटर के बजाय विभिन्न विभागों में काम कर रहे हैं अगर ये डॉक्टर ट्रॉमा सेंटर में ड्यूटी करने लगें तो हालत सुधर सकती है*

*”लाइव सरगर्मियां न्यूज़ से संवाददाता रवि उपाध्याय की रिपोर्ट”*

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