*ब्रेकिंग न्यूज़*
बिजली महकमें मे पहली बार आउटसोर्स कर्मियों के तबादले।
प्रबंधन के आदेश के बाद आउटसोर्स एजेंटीयों ने तबादले शुरू कर दीया है।
उत्तर प्रदेश की बिजली व्यवस्था की आउटसोर्स कर्मी संविदा कर्मी पहली बार तबादले की जड़ में आए हैं उत्तर प्रदेश पावर कॉरपोरेशन शीर्ष प्रबंधन के फैसले के बाद बिजली कंपनियों को आउटसोर्स कार्मिक महिया करने वाली एजेंटीयों ने धड़ाधड़ तबादला शुरू करती है तबादला होने से इन कार्मिकों में रोश है महेश 8 से ₹12 हजार मानसिक पारिश्रमिक पर काम कर रहे इन कार्मिकों के सामने दिक्कत यह है की तबादला हो जाने पर इस पारिश्रमिक से उसका गुजारा कैसे होगा,
*उत्तर प्रदेश पावर कॉरपोरेशन व उनकी सहयोगी कंपनियों में पहली बार न्यूनतम पारिश्रमिक पर काम कर रहे हैं संविदा कर्मियों के तवाले शुरू किए गए* आपको बताते चलें कि प्रदेश में लगभग 85000 से अधिक आउटसोर्स कमी है कंपनियों में बिजली कंपनियों में कुल 31738 स्थाई कार्मिक है वही स्थाई कार्मिको की संख्या से ढाई गुना अधिक 85098 आउट सोर्स पर रखे गए कार्मिक हैं यह वह कार्मिक है जो बिजली उपकेंद्र पर बहुत आया है तैनात किए गए हैं लाइनमैन फाल्ट की शिकायत मिलने पर सीree खींचना तथा अन्य सभी प्रकार के कामों में लगाए गए हैं बिजली से संबंधित कोई भी दिक्कत आने पर उपभोक्ताओं के संपर्क में सबसे पहले यही कार्मिक आते हैं विभाग में सालों से संविदा कर्मियों के तौर पर काम कर रहे इन में क्रमिको का वेतन अभी 8 से ₹12000 मानसिक के बीच ही है कई बार समान काम समान वेतन की मांग उनकी तरफ से उठाई गई लेकिन आउटसोर्स एजेंसी के माध्यम से इनकी तैनाती होने के कारण इनके बारे में कोई विचार नहीं किया गया यह कार्मिक क्षेत्रीये अवर अभियंता के अधीन काम करते हैं और अगर
अभियंता द्वारा उपस्थिति का विवरण आगे बढ़ाए जाने पर ही एजेंसी द्वारा इनका वेतन बनाया जाता है आयोग की सुनवाई में हो चुका है तबादले के फैसले का विरोध बिजली कंपनियों में यह तबादले ट्रांसफर चर्चा का विषय बने हुए उत्तर प्रदेश विद्युत नियामक आयोग द्वारा हाल में प्रदेश के विभिन्न शहरों में बिजली दरों पर आयोजित सुनवाई में कई स्थानों पर यऐ मुद्दा उठाया गया वाराणसी में आयोजित सुनवाई में विद्युत उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष के अवधेश वर्मा ने आयोग को लिखित पत्र देकर तबादले का विरोध किया इसके साथ ही समान काम के लिए समान वेतन इन आउटसोर्स संविदा कर्मियों को दिए जाने की मांग है।
ब्यूरो रिपोर्ट
सैफ खान शरिक, लखनऊ।